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एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमा सरकार की नाकामी का परिणाम : मंजुल त्रिपाठी

रीवा। प्रदेश शासन के ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर के रीवा आगमन दौरान एनएसयूआई के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं पर सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन द्वारा दर्ज किए गए मुकदमे की तीखी निंदा करते हुए प्रदेश की वर्तमान स्थिति के लिए शिवराज सरकार को जिम्मेदार बताते हुए एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष मंजुल त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना के बहाने पहले सरकार ने पढ़ाई ठप्प कर छात्र भाइयों का भविष्य अंधकारमय किया और फिर बिजली के नाम पर लो बोल्टेज, विजली कटौती तथा बिल की वसूली तेज एंव महंगी बिजली कर छात्र युवकों व उनके परिवार को 440 वोल्ट का करंट दिया अब विरोध करने पर शिवराज सरकार के मंत्री जनता की आवाज सुनने के बजाय पुलिस से लाठी व मुकदमा दर्ज कर रहे हैं जो लोकतंत्र में जनता का अपमान है।

उन्होंने कहा कि एनएसयूआई के पदाधिकारी रीवा जिले की जनता के लिए बिजली विभाग की लूट से राहत दिलाने के लिए ऊर्जा मंत्री के समक्ष अपने गुस्से का इजहार किया। इस पर मंत्री को जनता की आवाज को सुनकर बिजली की परेशानियों से राहत देना चाहिए था ना कि पुलिस का दमन चक्र चलाकर मुकदमा दर्ज करवाना था । एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष ने कहा कि शिवराज सरकार के मंत्री मध्य प्रदेश की जनता के विकास का यदि संकल्प ईमानदारी के साथ लिए होते तो छात्र नेताओं पर पुलिस का सहारा लेकर मुकदमा दर्ज ना करवाते।

उन्होंने यह भी कहा कि एनएसयूआई ही नहीं आम जनता युवा छात्र प्रदेश सरकार के हिटलर शाही बर्ताव, रोजगार शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली तथा महंगाई के मुद्दे पर अनवरत विरोध तब तक करते रहेंगे जब तक प्रदेश की स्थिति जनता के हिसाब से सुधर नहीं जाती भले ही सीएम शिवराज जी मुकदमे दर्ज करें जेल भेजें या पुलिस से डंडे चलवाये। अब एनएसयूआई के कार्यकर्ता डरने वाले नहीं हैं।

उन्होंने पुलिस अधीक्षक से अविलंब एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर दर्ज हुए मुकदमे को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि यदि छात्र नेताओं की गिरफ्तारी की गई और दर्ज मुकदमा सरकार वापस नहीं ली तो एनएसयूआई और उग्र आंदोलन करेगी।

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